गणतंत्र दिवस समारोह अब 23 जनवरी से शुरू होगा। यहां जानिए क्यों
सरकारी सूत्रों ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह अब हर साल 24 जनवरी के बजाय 23 जनवरी से शुरू होगा, जिसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती शामिल होगी।
सूत्रों ने कहा, “यह हमारे इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं को मनाने/स्मरण करने पर मोदी सरकार के फोकस के अनुरूप है।”
केंद्र ने इससे पहले सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी।
नेताजी बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने इंडिया टुडे को बताया, “भारत के लोग नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं। लेकिन आज के भारत में क्या अधिक महत्वपूर्ण है, और मैंने इसमें लिखा है। पीएम मोदी के संबंध में यह है कि हमें नेताजी की समावेशी विचारधारा को लागू करना चाहिए। वह एकमात्र ऐसे नेता थे जो लोगों को उनके धर्म के बावजूद ‘भरियास’ के रूप में एकजुट कर सकते थे।”
चंद्र बोस ने कहा कि जब तक नेताजी की समावेशी विचारधारा को लागू नहीं किया जाता, भारत फिर से टूट जाएगा।
चंद्र बोस ने कहा, “हम पहले ही भारत और बंगाल का विभाजन देख चुके हैं। अगर नेताजी भारत लौट आए होते, तो कोई विभाजन नहीं होता। लेकिन भारत फिर से टूट रहा है। बंटवारे की राजनीति बंद होनी चाहिए। हमारे बीच सांप्रदायिक सद्भाव होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “नेताजी को असली श्रद्धांजलि उनकी विचारधारा को आत्मसात करना, विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ना, सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करना होगा। नेताजी ने एक राष्ट्र की कल्पना की थी। वह कभी भी जाति, पंथ और धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं चाहते थे।”
चंद्र बोस ने यह भी कहा कि पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में उन्होंने इंडिया गेट के सामने नेताजी की प्रतिमा बनाने, लाल किले में आईएनए स्मारक बनाने सहित अन्य मांगों की मांग की.
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https://www.indiatoday.in/india/story/republic-day-celebrations-january-23-birth-anniversary-subash-chandra-bose-1900355-2022-01-15