पुणे में MPID कोर्ट ने सहकारी समिति के निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया
पुणे की एमपीआईडी अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुणे एसएस गोसावी ने मंगलवार को पुणे पोस्ट एंड टेलीकॉम कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के एक पूर्व अध्यक्ष और 22 निदेशकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
मामला नकदी के दुरुपयोग, धोखाधड़ी, अवैध खरीद और संपत्तियों की बिक्री से संबंधित शिकायतों से संबंधित है।
साथ ही, समाज पर नोटबंदी के दौरान कैश बुक बदलकर और कैश को जमा के रूप में स्वीकार कर काले धन को सफेद में बदलने का आरोप लगाया गया है।
आदेश से एक उद्धरण पढ़ता है: “यह स्पष्ट है कि जिस सहकारी समिति के बारे में यह शिकायत दर्ज की गई है, वह राज्य सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण में नहीं है और इसलिए, प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि एमपीआईडी अधिनियम के प्रावधान उस पर लागू होते हैं। इसलिए इस अदालत के पास इस पर संज्ञान लेने की शक्ति है। पुलिस से जांच जरूरी है। इसलिए विश्रामबाग थाने को इस शिकायत को प्राथमिकी के रूप में दर्ज करने और मामले की जांच करने और कानून के अनुसार आगे बढ़ने का निर्देश देने के लिए यह एक उपयुक्त मामला है।”
सोसाइटी के सदस्य गणेश दिगंबर तिखे ने अपने वकील राजेश कटोरे के माध्यम से भ्रष्टाचार, धन के कुप्रबंधन और शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए पूरे निदेशक मंडल के खिलाफ एक याचिका दायर की थी।
कटोरे ने कहा, ‘हमने अदालत के समक्ष याचिका में सब कुछ गिनाया है। हमने कोर्ट में गुहार लगाई है कि सहकारी समिति एमपीआईडी कोर्ट के दायरे में आती है।
तिखे ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने विश्रामबाग पुलिस स्टेशन, बंड गार्डन पुलिस स्टेशन और ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी। चूंकि कोई प्रगति नहीं हुई, इसलिए उन्होंने अदालत के समक्ष सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत शिकायत दर्ज की।
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https://www.hindustantimes.com/cities/pune-news/mpid-court-in-pune-orders-registration-of-fir-against-directors-of-co-op-society-101635257715455.html